Shree Hanuman Chalisa in Hindi – हनुमान चालीसा हिंदी अर्थ

हनुमान चालीसा दोहा हिंदी अर्थ

श्रीगुरु के चरण सरोज को याद करके, अपने मन को शुद्ध करता हूँ। उनकी वंदना करते हुए मैं रघुबर राम के विमल गुणों का गान करता हूँ, जो चारों धरती पर फल देने वाले हैं।

मेरे तन को बुद्धिहीन जानकर, मैं पवन-कुमार हनुमान को ध्यान में लाता हूँ। मेरे ऊब और निर्बल मन को बल, बुद्धि, और विद्या से संपन्न बना दीजिए, जिससे मेरे सभी कष्ट और बिकारों का नाश हो।

गुरुदेव, मैं आपके चरणों में अपनी भक्ति और समर्पण के साथ नमन करता हूँ। आपके आशीर्वाद से मैं अपने जीवन को सार्थक बनाने की कला सीखता हूँ। मेरी आत्मा को धन्यवाद, गुरुदेव, आपके साथ जुड़ने का सौभाग्य मिला है।

हे श्रीगुरु, आप हमारे जीवन में एक उजियाला हो, जो हमें सही मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करता है। आपके दिव्य शिक्षा और मार्गदर्शन से हम सब कार्यों को सही तरीके से करते हैं और सही निर्णय लेते हैं। हे श्रीगुरु, आपसे मिली बुद्धि, बल और विद्या का हम धन्यवाद करते हैं, जो हमें नेक जीवन जीने में सहायक साबित हुआ है।

आपके प्रेरणा से ही हम अपने अंदर छिपे सभी गुणों का संचय करके सफलता की ऊंचाइयों को छू सकते हैं। हम आपकी विजयी चरणों में भक्ति और आदर्शता से अपना मस्तक झुकाते हैं। आपके विचारों और शिक्षा से ही हम आज जो कुछ भी हैं, वह सब हैं। हे श्रीगुरु, आपके आशीर्वाद से हम व्यक्तित्व और जीवन के सार्थकता को पहचानते हैं और सफलता के पथ पर चलते हैं।

हनुमान चालीसा हिंदी अर्थ  Shree Hanuman Chalisa in Hindi

हे श्रीगुरु, आपके पावन चरणों को याद करने से ही हमारे जीवन के सभी अशुभ और दुर्भाग्य नष्ट हो जाते हैं। आप हमारे सभी पापों को धुला देते हैं और हमारे जीवन को धन्यवाद से भर देते हैं। हे श्रीगुरु, आपसे मिले बल, बुद्धि और विद्या के लिए हम आपको सदैव ऋणी रहेंगे।

आपके पावन चरणों को याद करके, हम अपने आदर्शों और धर्म के मार्ग पर चलते हैं। आपके शिक्षा और प्रेरणा से हम भव्यता और सम्पन्नता की ऊँचाइयों को प्राप्त कर सकते हैं। हे श्रीगुरु, आपसे मिली शक्ति, ज्ञान, और आदर के लिए हम श्रद्धा और आभार भाज रहे हैं।

गुरुदेव, आपके चरणों में अपनी भक्ति और समर्पण से नमन करते हैं। आपके प्रेरणा से हम अपने जीवन को सफल और ध्येयानुसार जीने की प्रेरणा पाते हैं। हे श्रीगुरु, आप हमारे जीवन की रौशनी हो, जो हमें सभी कठिनाइयों को पार करने के लिए उत्साहित करती है। आपके दिव्य शिक्षा और मार्गदर्शन से हम सफलता के रास्ते में चलते हैं और सही निर्णय लेते हैं। हे श्रीगुरु, आपसे मिली बुद्धि, बल, और विद्या का हम धन्यवाद करते हैं, जो हमें नेक जीवन जीने में सहायक साबित हुआ है।

आपके प्रेरणा से ही हम अपने अंदर छिपे सभी गुणों का संचय करके सफलता की ऊंचाइयों को छू सकते हैं। हम आपकी विजयी चरणों में भक्ति और आदर्शता से अपना मस्तक झुकाते हैं। आपके विचारों और शिक्षा से ही हम आज जो कुछ भी हैं, वह सब हैं। हे श्रीगुरु, आपकी आशीर्वाद से हम व्यक्तित्व और जीवन के सब्से सार्थकता को पहचानते हैं और सफलता के पथ पर चलते हैं।

हनुमान चालीसा हिंदी

दोहा:

श्रीगुरु चरन सरोज रज, निज मनु मुकुरु सुधारि।

बरनऊं रघुबर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि।।

बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार।

बल बुद्धि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार।।

Hindi Hanuman Chalisa

चौपाई:

जय हनुमान ज्ञान गुन सागर।
जय कपीस तिहुं लोक उजागर।।
 
रामदूत अतुलित बल धामा।
अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा।।

महाबीर बिक्रम बजरंगी।
कुमति निवार सुमति के संगी।।
 
कंचन बरन बिराज सुबेसा।
कानन कुंडल कुंचित केसा।।

हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजै।
कांधे मूंज जनेऊ साजै।

संकर सुवन केसरीनंदन।
तेज प्रताप महा जग बन्दन।।
 
विद्यावान गुनी अति चातुर।
राम काज करिबे को आतुर।।

प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया।
राम लखन सीता मन बसिया।।
 
सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा।
बिकट रूप धरि लंक जरावा।।

भीम रूप धरि असुर संहारे।
रामचंद्र के काज संवारे।।
 
लाय सजीवन लखन जियाये।
श्रीरघुबीर हरषि उर लाये।।

रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई।
तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई।।
 
सहस बदन तुम्हरो जस गावैं।
अस कहि श्रीपति कंठ लगावैं।।

सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा।
नारद सारद सहित अहीसा।।
 
जम कुबेर दिगपाल जहां ते।
कबि कोबिद कहि सके कहां ते।।

तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा।
राम मिलाय राज पद दीन्हा।।
 
तुम्हरो मंत्र बिभीषन माना।
लंकेस्वर भए सब जग जाना।।

जुग सहस्र जोजन पर भानू।
लील्यो ताहि मधुर फल जानू।।
 
प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं।
जलधि लांघि गये अचरज नाहीं।।

दुर्गम काज जगत के जेते।
सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते।।
 
राम दुआरे तुम रखवारे।
होत न आज्ञा बिनु पैसारे।।

सब सुख लहै तुम्हारी सरना।
तुम रक्षक काहू को डर ना।।
 
आपन तेज सम्हारो आपै।
तीनों लोक हांक तें कांपै।।

भूत पिसाच निकट नहिं आवै।
महाबीर जब नाम सुनावै।।
 
नासै रोग हरै सब पीरा।
जपत निरंतर हनुमत बीरा।।

संकट तें हनुमान छुड़ावै।
मन क्रम बचन ध्यान जो लावै।।
 
सब पर राम तपस्वी राजा।
तिन के काज सकल तुम साजा।

और मनोरथ जो कोई लावै।
सोइ अमित जीवन फल पावै।।
 
चारों जुग परताप तुम्हारा।
है परसिद्ध जगत उजियारा।।

साधु-संत के तुम रखवारे।
असुर निकंदन राम दुलारे।।
 
अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता।
अस बर दीन जानकी माता।।

राम रसायन तुम्हरे पासा।
सदा रहो रघुपति के दासा।।
 
तुम्हरे भजन राम को पावै।
जनम-जनम के दुख बिसरावै।।

अन्तकाल रघुबर पुर जाई।
जहां जन्म हरि-भक्त कहाई।।
 
और देवता चित्त न धरई।
हनुमत सेइ सर्ब सुख करई।।

संकट कटै मिटै सब पीरा।
जो सुमिरै हनुमत बलबीरा।।
 
जै जै जै हनुमान गोसाईं।
कृपा करहु गुरुदेव की नाईं।।

जो सत बार पाठ कर कोई।
छूटहि बंदि महा सुख होई।।
 
जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा।
होय सिद्धि साखी गौरीसा।।

तुलसीदास सदा हरि चेरा।
कीजै नाथ हृदय मंह डेरा।। 

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Shree Hanuman Chalisa in Hindi

दोहा :

पवन तनय संकट हरन, मंगल मूरति रूप।

राम लखन सीता सहित, हृदय बसहु सुर भूप।।

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