श्रीगुरु के चरण सरोज को याद करके, अपने मन को शुद्ध करता हूँ। उनकी वंदना करते हुए मैं रघुबर राम के विमल गुणों का गान करता हूँ, जो चारों धरती पर फल देने वाले हैं। मेरे तन को बुद्धिहीन जानकर, मैं पवन-कुमार हनुमान को ध्यान में लाता हूँ। मेरे ऊब और निर्बल मन को बल, बुद्धि, और विद्या से संपन्न बना दीजिए, जिससे मेरे सभी कष्ट और बिकारों का नाश हो। गुरुदेव, मैं आपके चरणों में अपनी भक्ति और समर्पण के साथ नमन करता हूँ। आपके आशीर्वाद से मैं अपने जीवन को सार्थक बनाने की कला सीखता हूँ। मेरी आत्मा को धन्यवाद, गुरुदेव, आपके साथ जुड़ने का सौभाग्य मिला है। हे श्रीगुरु, आप हमारे जीवन में एक उजियाला हो, जो हमें सही मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करता है। आपके दिव्य शिक्षा और मार्गदर्शन से हम सब कार्यों को सही तरीके से करते हैं और सही निर्णय लेते हैं। हे श्रीगुरु, आपसे मिली बुद्धि, बल और विद्या का हम धन्यवाद करते हैं, जो हमें नेक जीवन जीने में सहायक साबित हुआ है। आपके प्रेरणा से ही हम अपने अंदर छिपे सभी गुणों का संचय करके सफलता की ऊंचाइयों को छू सकते हैं। हम आपकी विजयी चरणों में भक्ति और आदर्शता से अपना मस्तक झुकाते हैं। आपके विचारों और शिक्षा से ही हम आज जो कुछ भी हैं, वह सब हैं। हे श्रीगुरु, आपके आशीर्वाद से हम व्यक्तित्व और जीवन के सार्थकता को पहचानते हैं और सफलता के पथ पर चलते हैं। हे श्रीगुरु, आपके पावन चरणों को याद करने से ही हमारे जीवन के सभी अशुभ और दुर्भाग्य नष्ट हो जाते हैं। आप हमारे सभी पापों को धुला देते हैं और हमारे जीवन को धन्यवाद से भर देते हैं। हे श्रीगुरु, आपसे मिले बल, बुद्धि और विद्या के लिए हम आपको सदैव ऋणी रहेंगे। आपके पावन चरणों को याद करके, हम अपने आदर्शों और धर्म के मार्ग पर चलते हैं। आपके शिक्षा और प्रेरणा से हम भव्यता और सम्पन्नता की ऊँचाइयों को प्राप्त कर सकते हैं। हे श्रीगुरु, आपसे मिली शक्ति, ज्ञान, और आदर के लिए हम श्रद्धा और आभार भाज रहे हैं। गुरुदेव, आपके चरणों में अपनी भक्ति और समर्पण से नमन करते हैं। आपके प्रेरणा से हम अपने जीवन को सफल और ध्येयानुसार जीने की प्रेरणा पाते हैं। हे श्रीगुरु, आप हमारे जीवन की रौशनी हो, जो हमें सभी कठिनाइयों को पार करने के लिए उत्साहित करती है। आपके दिव्य शिक्षा और मार्गदर्शन से हम सफलता के रास्ते में चलते हैं और सही निर्णय लेते हैं। हे श्रीगुरु, आपसे मिली बुद्धि, बल, और विद्या का हम धन्यवाद करते हैं, जो हमें नेक जीवन जीने में सहायक साबित हुआ है। आपके प्रेरणा से ही हम अपने अंदर छिपे सभी गुणों का संचय करके सफलता की ऊंचाइयों को छू सकते हैं। हम आपकी विजयी चरणों में भक्ति और आदर्शता से अपना मस्तक झुकाते हैं। आपके विचारों और शिक्षा से ही हम आज जो कुछ भी हैं, वह सब हैं। हे श्रीगुरु, आपकी आशीर्वाद से हम व्यक्तित्व और जीवन के सब्से सार्थकता को पहचानते हैं और सफलता के पथ पर चलते हैं।
दोहा:
श्रीगुरु चरन सरोज रज, निज मनु मुकुरु सुधारि।
बरनऊं रघुबर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि।।
बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार।
बल बुद्धि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार।। चौपाई: जय हनुमान ज्ञान गुन सागर। महाबीर बिक्रम बजरंगी। हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजै। संकर सुवन केसरीनंदन। प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया। भीम रूप धरि असुर संहारे। रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई। सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा। तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा। जुग सहस्र जोजन पर भानू। दुर्गम काज जगत के जेते। सब सुख लहै तुम्हारी सरना। भूत पिसाच निकट नहिं आवै। संकट तें हनुमान छुड़ावै। और मनोरथ जो कोई लावै। साधु-संत के तुम रखवारे। राम रसायन तुम्हरे पासा। अन्तकाल रघुबर पुर जाई। संकट कटै मिटै सब पीरा। जो सत बार पाठ कर कोई। तुलसीदास सदा हरि चेरा। दोहा : पवन तनय संकट हरन, मंगल मूरति रूप। राम लखन सीता सहित, हृदय बसहु सुर भूप।। हनुमान चालीसा दोहा हिंदी अर्थ
हनुमान चालीसा हिंदी
Hindi Hanuman Chalisa
जय कपीस तिहुं लोक उजागर।।
रामदूत अतुलित बल धामा।
अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा।।
कुमति निवार सुमति के संगी।।
कंचन बरन बिराज सुबेसा।
कानन कुंडल कुंचित केसा।।
कांधे मूंज जनेऊ साजै।
तेज प्रताप महा जग बन्दन।।
विद्यावान गुनी अति चातुर।
राम काज करिबे को आतुर।।
राम लखन सीता मन बसिया।।
सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा।
बिकट रूप धरि लंक जरावा।।
रामचंद्र के काज संवारे।।
लाय सजीवन लखन जियाये।
श्रीरघुबीर हरषि उर लाये।।
तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई।।
सहस बदन तुम्हरो जस गावैं।
अस कहि श्रीपति कंठ लगावैं।।
नारद सारद सहित अहीसा।।
जम कुबेर दिगपाल जहां ते।
कबि कोबिद कहि सके कहां ते।।
राम मिलाय राज पद दीन्हा।।
तुम्हरो मंत्र बिभीषन माना।
लंकेस्वर भए सब जग जाना।।
लील्यो ताहि मधुर फल जानू।।
प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं।
जलधि लांघि गये अचरज नाहीं।।
सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते।।
राम दुआरे तुम रखवारे।
होत न आज्ञा बिनु पैसारे।।
तुम रक्षक काहू को डर ना।।
आपन तेज सम्हारो आपै।
तीनों लोक हांक तें कांपै।।
महाबीर जब नाम सुनावै।।
नासै रोग हरै सब पीरा।
जपत निरंतर हनुमत बीरा।।
मन क्रम बचन ध्यान जो लावै।।
सब पर राम तपस्वी राजा।
तिन के काज सकल तुम साजा।
सोइ अमित जीवन फल पावै।।
चारों जुग परताप तुम्हारा।
है परसिद्ध जगत उजियारा।।
असुर निकंदन राम दुलारे।।
अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता।
अस बर दीन जानकी माता।।
सदा रहो रघुपति के दासा।।
तुम्हरे भजन राम को पावै।
जनम-जनम के दुख बिसरावै।।
जहां जन्म हरि-भक्त कहाई।।
और देवता चित्त न धरई।
हनुमत सेइ सर्ब सुख करई।।
जो सुमिरै हनुमत बलबीरा।।
जै जै जै हनुमान गोसाईं।
कृपा करहु गुरुदेव की नाईं।।
छूटहि बंदि महा सुख होई।।
जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा।
होय सिद्धि साखी गौरीसा।।
कीजै नाथ हृदय मंह डेरा।। Download Hindi Hanuman Chalisa PDF
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