शिव नाम की महिमा
शिव नाम की महिमा भस्म, रुद्राक्ष, शिव-नाम- ये तीनों त्रिवेणी के समान महापुण्यमय हैं| जहाँ इन तीनों का निवास है
त्रिवेणी के स्नान का फल प्राप्त हो जाता है| यह तीनों जिसके शरीर में रहते हैं,इसे ब्रह्माण्ड भर में असत् से परे केवल शिव ही जानते हैं| अनेक पापमूल एक ही शिव-नाम लेने से नष्ट हो जाते हैं । सभी देवों में महादेव का स्थान सबसे ऊंचा है| शिवलिंग पर सिर्फ एक लोटा जल ओर बेलपत्र चढ़ाने से ही ये खुश हो जाते हैं और सबकी मनोकामना पूर्ण करते हैं| शिवजी का भोलेनाथ स्वरुप लोगों की श्रद्धा भक्ति से प्रसन्न होकर मनोवांछित फल प्रदान करता है । आइये जानते हैं की शिव के 108 नाम कौनसे हैं जिन्हे व्यापक रूप से लोग जानते हैं और उनके सरल हिंदी अर्थ।
108 शिव नाम हिंदी | Bhagwan Shiv Name List For Baby Boy with Images
1.शिव- कल्याण स्वरूप
2. पिनाकी- पिनाक धनुष धारण करने वाले
3.शम्भू- आनंद स्वरूप वाले
4.महेश्वर- माया के अधीश्वर
5.शंकर- सबका कल्याण करने वाले
6.नीललोहित- नीले और लाल रंग वाले
7.वामदेव- अत्यंत सुंदर स्वरूप वाले
8.विरूपाक्ष- विचित्र अथवा तीन आंख वाले
9.कपर्दी- जटा धारण करने वाले
10.शशिशेखर- चंद्रमा धारण करने वाले
11.शूलपाणी- हाथ में त्रिशूल धारण करने वाले
12.खटवांगी- खटिया का एक पाया रखने वाले
13.विष्णुवल्लभ- भगवान विष्णु के अति प्रियz
14.शिपिविष्ट- सितुहा में प्रवेश करने वाले
15.अंबिकानाथ- देवी भगवती के पति
16.त्रिलोकेश- तीनों लोकों के स्वामी
17.शर्व- कष्टों को नष्ट करने वाले
18.भव- संसार के रूप में प्रकट होने वाले
19.श्रीकण्ठ- नीले कण्ठ वाले
20.भक्तवत्सल- भक्तों को अत्यंत स्नेह करने वाले
21.परमेश्वर- प्रथम ईश्वर
22.तारक- तारने वाले
24.अपवर्गप्रद- मोक्ष देने वाले
25.सहस्रपाद- हजार पैर वाले
23.अनंत- देशकाल वस्तु रूपी परिच्छेद से रहित
26.सहस्राक्ष- हजार आंख वाले
27.अव्यक्त- इंद्रियों के सामने प्रकट न होने वाले
28.भगनेत्रभिद्- भग देवता की आंख फोड़ने वाले
29.हर- पापों को हरने वाले
30.पाशविमोचन- बंधन से छुड़ाने वाले
31.अज- जन्म रहित
32.खण्डपरशु- टूटा हुआ फरसा धारण करने वाले
33.शाश्वत- नित्य रहने वाले
34.शुद्धविग्रह- दिव्यमूर्ति वाले
35.सात्त्विक- सत्व गुण वाले
36.अनेकात्मा- अनेक आत्मा वाले
37.अष्टमूर्ति- आठ रूप वाले
38.दिगम्बर- नग्न, आकाश रूपी वस्त्र वाले
39.अहिर्बुध्न्य- कुण्डलिनी- धारण करने वाले
40.मृड- सुखस्वरूप वाले
41.पशुपति- पशुओं के स्वामी
42.देव- स्वयं प्रकाश रूप
43.महादेव- देवों के देव
44.अव्यय- खर्च होने पर भी न घटने वाले
45.हरि- विष्णु समरूपी
46.पूषदन्तभित्- पूषा के दांत उखाड़ने वाले
47.अव्यग्र- व्यथित न होने वाले
48.दक्षाध्वरहर- दक्ष के यज्ञ का नाश करने वाले
49.हर- पापों को हरने वाले
50.शितिकण्ठ- सफेद कण्ठ वाले
51.शिवाप्रिय- पार्वती के प्रिय
52.कपाली- कपाल धारण करने वाले
53.अर्धनरीश्वर- आधा नर आधा नारी का रूप रखने वाले
54.कामारी- कामदेव के शत्रु, अंधकार को हरने वाले
55.सुरसूदन- अंधक दैत्य को मारने वाले
56.गंगाधर- गंगा को जटाओं में धारण करने वाले
57.ललाटाक्ष- माथे पर आंख धारण किए हुए
58.महाकाल- कालों के भी काल
59.कृपानिधि- करुण हृदय वाले
60.भीम- भयंकर या रौद्र रूप वाले
61.वृषभारूढ़- बैल पर सवार होने वाले
62.वृषांक- बैल-चिह्न की ध्वजा वाले
63.कवची- कवच धारण करने वाले
64.कठोर- अत्यंत मजबूत देह वाले
65.त्रिपुरांतक:- त्रिपुरासुर का विनाश करने वाले
66.कैलाशवासी: कैलाश पर निवास करने वाले
67.जटाधर- जटा रखने वाले
68.मृगपाणी- हाथ में हिरण धारण करने वाले
69.परशुहस्त- हाथ में फरसा धारण करने वाले
70.भस्मोद्धूलितविग्रह- भस्म लगाने वाले
71.त्रयीमूर्ति:- वेद रूपी विग्रह करने वाले
72.सामप्रिय- सामगान से प्रेम करने वाले
73.स्वरमयी- सातों स्वरों में निवास करने वाले
74.अनीश्वर- जो स्वयं ही सबके स्वामी है
75.सर्वज्ञ- सब कुछ जानने वाले
76.परमात्मा- सब आत्माओं में सर्वोच्च
77.सोमसूर्याग्निलोचन- चंद्र, सूर्य और अग्निरूपी आंख वाले
78.हवि- आहुति रूपी द्रव्य वाले
79.यज्ञमय- यज्ञ स्वरूप वाले
80.सोम- उमा के सहित रूप वाले
81.पंचवक्त्र- पांच मुख वाले
82.सदाशिव- नित्य कल्याण रूप वाले
83.विश्वेश्वर- विश्व के ईश्वर
84.वीरभद्र- वीर तथा शांत स्वरूप वाले
85.गणनाथ- गणों के स्वामी
86.प्रजापति- प्रजा का पालन-पोषण करने वाले
87.हिरण्यरेता- स्वर्ण तेज वाले
88.दुर्धुर्ष- किसी से न हारने वाले
89.गिरीश- पर्वतों के स्वामी
90.गिरिश्वर- कैलाश पर्वत पर रहने वाले ईश्वर
91.अनघ- पापरहित या पुण्य आत्मा
92.भुजंगभूषण- सांपों व नागों के आभूषण धारण करने वाले
93.भर्ग- पापों का नाश करने वाले
94.गिरिधन्वा- मेरू पर्वत को धनुष बनाने वाले
95.गिरिप्रिय- पर्वत को प्रेम करने वाले
96.कृत्तिवासा- गजचर्म पहनने वाले
97.पुराराति- पुरों का नाश करने वाले
98.भगवान्- सर्वसमर्थ ऐश्वर्य संपन्न
99.प्रमथाधिप- प्रथम गणों के अधिपति
100.मृत्युंजय- मृत्यु को जीतने वाले
101.सूक्ष्मतनु- सूक्ष्म शरीर वाले
102.जगद्व्यापी- जगत में व्याप्त होकर रहने वाले
103.जगद्गुरू- जगत के गुरु
104.व्योमकेश- आकाश रूपी बाल वाले
105.महासेनजनक- कार्तिकेय के पिता
106.चारुविक्रम- सुन्दर पराक्रम वाले
107.रूद्र- उग्र रूप धारण करने वाले
108.भूतपति- भूतप्रेत व पंचभूतों के स्वामी
भक्ति भाव से भरी, शिव भगवान की महिमा का गान करते हैं। भगवान शिव के 108 नामों के समर्थन में हमारा मन दिलचस्पी से भर जाता है।
इनमें से कुछ नाम का अर्थ
“महादेव” – महाकल और महाकाल में बिराजमान, वे विश्व के सर्वोच्च देवता हैं। उनके नामों का जाप हमें उनकी अनंत शक्ति के प्रति जागरूक करता है।
“शंकर” – सृष्टि के रचयिता और सभी लोकों के पालक हैं। उनके नामों की महिमा के सामर्थ्य से हम आत्म-विकास और उच्चता की ओर प्रवृत्त होते हैं।
“नीलकंठ” – कन्या सती को बचाने के लिए गर्भवती शिव के गले को नीला करने से प्रसिद्ध हैं। उनके नामों के जाप से हमारे मन का विकार नष्ट होता है।
“भूतेश” – प्रकृति के नायक, भूत-प्रेतों के स्वामी शिव हैं। उनके नामों का जाप हमें अभय और शक्ति का आभास करता है।
“आशुतोष” – वे जल्दी संतुष्ट हो जाने वाले देवता हैं, जिन्हें एक छोटे से भक्ति के प्रति भी आनंद मिलता है। उनके नामों का जाप हमारे भक्ति और समर्पण को स्थायी करता है।
“पशुपति” – जीव-जन्तुओं के स्वामी शिव हैं, जिन्हें हमारी भक्ति की पहचान होती है। उनके नामों के जाप से हम जीवन में सार्थकता का अनुभव करते हैं।
“भोलेनाथ” – वे आसानी से प्रसन्न हो जाने वाले देवता हैं, जिन्हें हमारी सादगी और समर्पण की प्रसन्नता होती है। उनके नामों का जाप हमें नम्रता और सहजता का अनुभव करता है।
108 शिव नाम की महिमा
इन भगवान शिव के 108 नामों की महिमा के साथ, हम भक्ति और प्रेम के साथ उनका ध्यान करते हैं। उनके नामों का जाप हमें शक्ति, समृद्धि, और आनंद की अनुभूति कराता है। हम भक्ति और समर्पण की भावना से उनके चरणों में आभार व्यक्त करते हैं और उनसे आशीर्वाद मांगते हैं। हे भगवान शिव, आपकी कृपा से हम जीवन में सफलता और सुखी जीवन की प्राप्ति करें। हम आपके ध्यान में रहकर जीवन के सभी कठिनाइयों को पार करें। आप हमारे मार्गदर्शक हैं, हमें सही राह दिखाएं और सभी दुखों को नष्ट करें। हम आपके समर्थन में जीवन के सभी कठिनाइयों को पार करें और सुखी जीवन की प्राप्ति करें। हे भगवान शिव, आपसे मिले बल, बुद्धि, और विद्या का हम धन्यवाद करते हैं, जो हमें नेक जीवन जीने में सहायक साबित हुआ है।
हे भगवान शिव, आपकी महिमा के चरणों में भक्ति और प्रेम से नमन करते हैं। आपके प्रेरणा से हम अपने जीवन को सफल और सार्थक बनाने का संकल्प लेते हैं। हे भगवान शिव, आप हमारे जीवन की रौशनी हो, जो हमें सभी कठिनाइयों को पार करने के लिए प्रेरित करती है। आपके दिव्य शिक्षा और मार्गदर्शन से हम सफलता के रास्ते में चलते हैं और सही निर्णय लेते हैं। हे भगवान शिव, आपसे मिली बुद्धि, बल, और विद्या का हम धन्यवाद करते हैं, जो हमें नेक जीवन जीने में सहायक साबित हुआ है।
आपके प्रेरणा से ही हम अपने अंदर छिपे सभी गुणों का संचय करके सफलता की ऊँचाइयों को छू सकते हैं। हम आपकी विजयी चरणों में भक्ति और आदर्शता से अपना मस्तक झुकाते हैं। आपके विचारों और शिक्षा से ही हम आज जो कुछ भी हैं, वह सब हैं। हे भगवान शिव, आपकी आशीर्वाद से हम व्यक्तित्व और जीवन के सब्से सार्थकता को पहचानते हैं और सफलता के पथ पर चलते हैं।